हजारीबाग, जनवरी 30 -- हजारीबाग वरीय संवाददाता माफ करना बापू आपको एक अदद चश्मा भी हम पहना न सके। महात्मा गांधी की पहचान में उनका एक गोल चश्मा भी रहा है। संत कोलंबा कॉलेज के पास बापू की मूर्ति में चश्मा वर्षों से गायब है। बिना चश्मे के उनकी प्रतिमा पर लोग जयंती और पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने आते हैं और फिर चले जाते है। एक दो यहां के सेवानिवृत्त शिक्षक ने चश्मा खुद अपने पैसे से बनवाने की पेशकश की। पर इस पर कॉलेज प्रबंधन का ध्यान नहीं होने से चश्मा नहीं चढ़ पाया है। विदित हो कि हजारीबाग में मोहन दास कर्मचंद गांधी 17 सितंबर 1925 को पहली बार आए थे। तब उन्होंने संतकोलंबा महाविद्यालय के प्रतिष्ठित ह्विटले हॉल मे लोगों को संबोधित किया था। उसके बाद बापू 1934 में चतरा आए थे उस समय चतरा हजारीबाग में ही था। इसके बाद 1940 में रामगढ़ में आयोजि...
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