वाराणसी, जून 23 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। श्रीराम चरित मानस के प्रत्येक चरण में सिंदूर का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष उल्लेख है। बालकांड में शिव-पार्वती विवाह के प्रसंग में संत तुलसीदास ने सिंदूर का उल्लेख 'बंदन बंदी शब्द से किया है। अयोध्या कांड में भगवती सीता भगवान श्रीराम के साथ पतिव्रता धर्म का पालन करने के लिए चौदह वर्ष के लिए वन में चली जाती हैं। यहां माता सीता के सिंदूरी समर्पण का ही उल्लेख है। ये बातें कथावाचक मोरारी बापू ने कहीं। वह मानस सिंदूर कथा के अंतिम दिन रविवार को सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अरण्यकांड में सती अनसुइया की कथा है। अत्रि आश्रम में माता अनसुइया सीता को सौभाग्यवती स्त्री के कर्तव्य-पातिव्रत्य का उपदेश देती हैं। इस प्रकार वहां भी सिंदूर का परोक्ष उल्लेख है। किष्किन्धा का...
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