गंगापार, सितम्बर 8 -- मौसम में लगातार बदलाव जारी है। दिन भर धूप से लोगों का हाल बेहाल है तो वहीं शाम के वक्त बादल आसमान में डेरा डाल रहे हैं। दिन में बढ़ती उमस लोगों को परेशान किए हुए है। वहीं तेज धूप से लोग पसीने में तरबतर हो रहे हैं। मौसम के बदलते अंदाज का असर बंगाल की खाड़ी से जुड़ा है। गांवों के खेतों में फूलों कांस के फूलों को मानसून की विदाई का संकेत माना जाता है। रामचरितमानस की पंक्ति बरषा बिगत सरद रितु आई, लक्ष्मन देखहु परम सुहाई। फूले कांस सकल महि छाई, जनु बरसा कृत प्रकट बुढ़ाई में भी इसका उल्लेख है। इसका अर्थ यह है कि बारिश अब बूढी हो चुकी है। आम तौर पर कांस के फूल खाली जमीन पर स्वत: उग आते हैं। ज्योतिष विशेषज्ञ पं उमेश शास्त्री दैवज्ञ ने बताया कि कांस को सनातन धर्म में पितरों को पानी देने, कुसा, पैंती पूजा व दाह संस्कार के अलाव...