बदायूं, नवम्बर 24 -- सहसवान, संवाददाता। कामेश्वर धाम मंदिर जहांगीराबाद में चल रही शिव महापुराण कथा में कथा व्यास आचार्य पंडित हर्षित उपाध्याय ने कहा कि जीवन की प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सत्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। सत्य की राह पर हार भी मिले तब भी उसका त्याग नहीं करना चाहिए। कथावाचक ने कहा, एक बात सदैव स्मरण रखना कि सिद्धांतों पर चलकर हारना, झूठ के बल पर जीतने से कई गुना बेहतर है। सिद्धांत ही हमारे जीवन में हार-जीत से भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। सत्य का पथ, श्रेष्ठता का पथ व शास्त्रानुकूल पथ का अनुगमन ही जीवन के श्रेष्ठ सिद्धांत हैं। कहा कि हमारे महापुरुषों की महानता के पीछे एक ही कारण था कि उन्होंने जीतने के बजाय हारना स्वीकार किया पर अपने सिद्धांतों का परित्याग कभी भी नहीं किया। सत्य का पथ सुगम तो नहीं होता पर श्रेष्ठ...