बागपत, जुलाई 22 -- कस्बे के शांतिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में विराजमान अंतसमति माता ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन परम दुर्लभ है। संसार में कामधेनु, कल्पवृक्ष, चिंतामणि और देवदर्शन जैसी चीजें सामान्य रूप से नहीं मिलतीं, लेकिन जप, तप और पुण्य के बल से इन्हें भी पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अनंत जन्मों के पुण्य संचित होने पर ही यह दुर्लभ मानव जीवन प्राप्त होता है, जिसे व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोक्ष केवल मानव जीवन में ही संभव है, देवता और पशु योनि में नहीं। इसलिए इस जीवन का सदुपयोग करते हुए इंद्रियों पर नियंत्रण रखें और आत्मशुद्धि के पथ पर बढ़ें। प्रवचन के अंत में श्रद्धालुओं ने महावीर वंदना कर पुण्य लाभ अर्जित किया।

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