मुजफ्फर नगर, सितम्बर 15 -- गांव लुहसाना के श्री सीताराम मन्दिर में आयोजित श्रीरामकथा के पंचम दिवस पर आचार्य अभिषेक शुक्ल जी ने कहा कि भगवान् राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, उनका प्रत्येक आचरण सदाचार युक्त है तथा मानवीय सीमाओं के अन्तर्गत है। उनके प्रत्येक आचरण में यथार्थता है और भारतीय नारी के मर्यादा की पराकाष्ठा हैं। जगज्जननी जानकी, पुष्पोद्यान में प्रथम दर्शन से ही मन, वाणी, शरीर तथा आत्मा-सभीके द्वारा सीता राम जी के प्रति समर्पित हैं और उनके विरह में एक-एक निमेष शतयुगों के समान व्यतीत हो रहा है। किन्तु एक शिष्ट एवं संस्कृत भारतीय कन्या के समान अपने हृदय के किसी भी भाव को पूज्य पिता से व्यक्त करने में समर्थ नहीं हैं। यह है मर्यादा, इसी सन्दर्भ में रामजी भी जानकी जी के प्रति समर्पित हैं। किन्तु इतने अधिक अनुशासित हैं कि गुरु विश्वामित्र की ...