संभल, सितम्बर 26 -- शारदीय नवरात्र के चौथे दिन विभिन्न दुर्गा मंदिरों एवं पूजा घरों में श्रद्धालुओं ने आदिशक्ति मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद मांगा। देवी मंदिरों में सुबह से ही पूजा अर्चना के लिए लंबी लाइन लगी रही। आचार्य मनोरंजन तिवारी ने बताया कि दुर्गा सप्तशती के मुताबिक मां कुष्मांडा सूरज के समान तेज वाली है। माता के तेज से ही सभी दिशाओं में प्रकाश होता है, अन्य कोई भी देवी देवता उनके तेज और प्रभाव का सामना नहीं कर सकता। मां कुष्मांडा अष्टभुजा वाली देवी है । उनके सात हाथों में कमंडल, धनुष बाण , कमाल पुष्प, अमृत पूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है । आठवें हाथ में सभी सिद्धियां और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है। मान्यता है की मां कुष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति का बुद्धि और विवेक में वृद्...