उन्नाव, मई 21 -- उन्नाव, संवाददाता। प्रीक्लैम्प्सिया या टॉक्सीमिया गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह आमतौर पर गर्भवास्था के 20वें सप्ताह के बाद विकसित होती है। इस दौरान महिला को कई सारे शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था में महिलाएं अक्सर डायबिटीज, बीपी, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं का शिकार होती हैं। ऐसे में लोगों को प्रीक्लैम्प्सिया की जटिलताओं और बचाव के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 22 मई को प्रीक्लैम्प्सिया दिवस मनाया जाता है। जिला अस्पताल में रोजाना करीब 100 से 150 गर्भवती महिलाएं इलाज के लिए पहुंचती हैं। इनमें करीब पांच फीसदी महिलाएं प्रीक्लैम्प्सिया से पीड़ित होती हैं। इन महिलाओं में उच्च रक्तचाप, पेशाब में प्रोटीन, सूजन, सिरदर्द और धुंधली दृष्टि जैसे लक्षण होते हैं। कई मामलों में गर्भ...