पूर्णिया, मई 1 -- पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। महिला संवाद के मंच पर एक मां अपनी आकांक्षा व्यक्त करते हुए कहती हैं कि हमारे बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाई की सुविधा तो उपलब्ध है लेकिन उसे हुनरमंद बनाने के लिए कोई अलग से शिक्षा नहीं दी जा रही है। इसकी कमी मैं अपने बेटे में देख रही हूँ। पिछले वर्ष मैट्रिक पास करने के बाद अब मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि उसे आगे पढ़ा पाऊं। ऐसे में अगर उसे बाजार के मुताबिक किसी व्यावसायिक हुनर की सीख दी जाती तो आज वो बेरोजगार न बैठा रहता। इसलिए सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले लड़कों को व्यावसायिक शिक्षा भी देने की पहल सरकार के स्तर से हो। गाँव के बच्चों में नैतिक शिक्षा की भारी कमी है। गाँव में प्रायः एक अच्छा वातावरण नहीं होने के कारण अधिकांश बच्चे अपनी नासमझी में कई सामाजिक बुराइयों से घिर जाते हैं। इसल...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.