नई दिल्ली, नवम्बर 10 -- सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर महिला सशक्तीकरण का पक्ष लेते हुए महिलाओं को देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह बताया है, तो आश्चर्य नहीं। गौर करने की बात है कि कुल आबादी का लगभग 48.4 प्रतिशत महिलाएं हैं, पर देश की मुख्यधारा में उनकी हिस्सेदारी बहुत कम है। बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके यह सवाल किया गया है कि संसद और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू करने में देरी क्यों हो रही है? इस याचिका पर न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब-तलब किया है। वैसे, आरक्षण के लिए कानून पारित हो चुका है और उसे लागू करने की जिम्मेदारी कार्यपालिका पर है। यहां न्यायालय कानून को जल्दी लागू करने के लिए खास कुछ नहीं कर सकता है। कानून का क्रियान्वयन सरकार का काम है। महिलाओं के लिए विधायिका में 33 फीसदी आरक्षण ...