आशीष दीक्षित, अप्रैल 28 -- बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ता वजन महिलाओं के लिए न सिर्फ खतरे की घंटी है, बल्कि उनमें पुरुषों के हार्मोन तक बन रहे हैं। 10 साल की बात करें तो देश में पीसीओएस के दोगुने केस हो गए। इससे महिलाओं में बांझपन का भी खतरा बढ़ रहा है। महिला चिकित्सकों का मानना है कि मोटापे पर लगाम, देर से सोने-जागने की आदत में सुधार बहुत जरूरी है। कानपुर में ओब्स एंड गायनी और आईएसओपीएआरबी सोसाइटी की ओर से संयुक्त सेमिनार में अलग-अलग शहरों से आईं महिला चिकित्सकों का फोकस पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के बढ़ते मामलों को रोकने पर रहा। यह भी पढ़ें- मेहंदी की रस्म से लौट रही 13 साल की बच्ची को रोका, पिकअप में बंधक बना गैंगरेप पीसीओएस, महिलाओं में एक सामान्य हार्मोनल विकार है, जो अंडाशय के कार्य को प्रभावित करता है। इसमें अंडाशय पर छोटे...
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