पिथौरागढ़, फरवरी 15 -- पिथौरागढ़। सीमांत की बबीता कोहली को महिलाओं को ऐपण कला सीखाकर स्वरोजगार से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही है। बबीता कहती हैं कि पहाड़ की संस्कृति के तौर पर जानी पहचानी जाने वाली ऐपण कला वर्तमान में लोगों को स्वरोजगार से भी जोड़ने में कारगर साबित हो रही है। ऐपण कला सीखकर महिलाएं विभिन्न सामाग्रियों में ऐपण कला को उकेर कर महिलाएं आमदनी अर्जित कर रही हैं। देवभूमि ऐपन आर्ट एंड वर्कर्स समूह का गठन कर बबीता अब तक दो सौ से अधिक महिलाओं को ऐपण कला में दक्ष बना चुकी हैं। बबिता ने बताया कि वह अपनी कला की छाप देश के प्रधानमंत्री तक भी पंहुचा चुकी हैं। उन्होंने पूर्व में प्रधानमंत्री को ऐपण कला से सुसोज्जित गमछा भेंट किया है। इसके अलावा उत्तराखंड राजभवन को अपने हाथों से निर्मित कर ऐपण डायरी भी मांग के अनुरूप दे चूकी हैं।
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