नई दिल्ली, मई 18 -- नई दिल्ली, रोशन किशोर/अभिषेक झा। कोरोना महामारी के बाद भारत में घरेलू बचत में गिरावट का रुझान बना हुआ है। वर्ष 2023-24 में घरेलू बचत देश की कुल आय (जीडीपी) का 18.1 फीसदी रही। यह दर पूरी तरह ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर नहीं है, लेकिन बढ़ते कर्ज के कारण शुद्ध घरेलू बचत पर असर पड़ा है। ये तथ्य राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा हाल ही में जारी राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (एनएएस 2025) रिपोर्ट से सामने आए हैं। कुल बचत अब भी ऐतिहासिक औसत के करीब घरेलू बचत में तीन घटक शामिल होते हैं, सकल वित्तीय बचत, भौतिक संपत्तियों में निवेश (जैसे जमीन-जायदाद) और सोना-चांदी के आभूषणों में बचत। कुल बचत से अगर वित्तीय देनदारियां (जैसे कर्ज) घटा दी जाएं, तो शुद्ध बचत प्राप्त होती है। 2023-24 में घरेलू बचत की जीडीपी में हिस्सेदारी लगभग ...