बागपत, नवम्बर 4 -- नगर के बाद जैन मंदिर में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान में मंगलवार को श्रद्धालुओं ने 1028 अघ्र्यो से प्रभु का पूजन किया। जैन मुनि नयन सागर महाराज ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। श्री 1008 चंद्र प्रभु दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान में श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजन किया। जैन मुनि नयन सागर महाराज ने कहा जिन प्रतिमाओं का कभी भी अविनय मत करो। जो प्रतिमाओं को भाव से नमोस्तु करता है, उनको सुख की प्राप्ति होती है। यंत्र मंत्र और जिन प्रतिमा तीनों महत्वपूर्ण है। यंत्रों का सबसे ज्यादा प्रभाव होता है, यंत्रों के बिना कोई प्रतिमा विराजमान नहीं होती। जहां जिन प्रतिमा नहीं जाती है, महायंत्रों की ही पूजा की जाती है। जिनेंद्र भगवान की पूजा की इतनी समर्थ है, इतना महत्व है कि वह आपकी दुर्गति का निवारण कर ...