प्रयागराज, मार्च 12 -- महाकुम्भ का समापन हो चुका है, लेकिन अब भी इसका खुमार कम नहीं हुआ। मस्ती और लोक आस्था के पर्व होली के गीतों में महाकुम्भ की गूंज सुनाई पड़ रही है। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकेडमी से पुरस्कृत उदयचंद परदेसी ने होली के गीतों में सबसे अधिक इसे जगह दी गई है। उनके फगुआ गीत में महाकुम्भ भइल एहि बार बोलो सारारा..., मोदी योगी की सरकार बोलो सरारा..., बाजार में धूम मचा रखी है। इस फगुआ में महाकुम्भ में आने वाली 66 करोड़ से अधिक की सनातनी भीड़ से लेकर इस महाकुम्भ में बनाए गए सभी रिकॉर्ड का भी जिक्र है। उदय चंद परदेसी ने बताया कि प्रदेश की योगी सरकार ने लोक आस्था के महापर्व महाकुम्भ को जो दिव्य और भव्य स्वरूप दिया उससे लोक गायक और लोक लेखक अपने आप को अलग नहीं रख सकता है। महाकुम्भ के समापन और होली के आगमन के बीच बहुत कम दिनों का अंत...
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