किशनगंज, अक्टूबर 11 -- किशनगंज। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि किशनगंज शहर का धर्मगंज चौक इन दिनों महंगाई के मुद्दे पर खौल रहा है। न सड़क जाम है, न कोई धरना-प्रदर्शन, लेकिन माहौल कुछ ऐसा कि लगता है जैसे आम आदमी का धैर्य टूटने की कगार पर है। यहां न कोई मंच है, न माइक - बस एक पान की दुकान, दो-तीन ठेले और कुछ फुटपाथ पर बैठे लोग, लेकिन बहस ऐसी कि संसद में भी शायद ही हो। सुबह की पहली चाय के साथ ही चर्चा शुरू हो जाती है - "तेल, दाल, आटा, सब कुछ महंगा हो गया है। आमदनी वही की वही।" यह कहना है 45 वर्षीय दर्जी अनवर का, जो पास की एक दुकान में काम करते हैं। उनका कहना है कि "सरकारें बदलती रहीं, लेकिन रसोई का बजट संभल नहीं पाया।" वहीं, पास ही खड़े ऑटो चालक रमेश यादव का दर्द कुछ और है, "डीजल इतना महंगा हो गया है कि किराया बढ़ाओ तो सवारी नहीं बैठती, न बढ़ाओ तो जेब खा...