वाराणसी, मई 17 -- वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। बीएचयू के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. देवेश यादव ने कहा कि पेट दर्द और ऐंठन, मल में रक्त, दस्त अगर आ रहा है तो इसे हल्के में न लें। ये इन्फ्लेमेटरी बॉवेल सिंड्रोम (आईबीडी) के लक्षण हैं। बीएचयू में मल प्रत्यारोपण से अब इसका इलाज होगा। प्रदेश में पहली बार इस तरह का ट्रायल शुरू होगा। बीएचयू के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के सेमिनार हॉल में प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि आईबीडी के प्रति जागरूकता के लिए हर साल 19 मई को खास दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि भारत में करीब 15 लाख इसके मरीज हैं। ये बीमारी दवा से ठीक नहीं होती है। उन्होंने कहा कि बीएचयू के आईबीडी क्लीनिक में 2021 से अभी तक कुल 1388 मरीज पंजीकृत हुए हैं। गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के डॉ. अनुराग तिवारी ने कहा कि कई बार लोग आईब...