बागपत, जुलाई 26 -- बदले मौसम के साथ मलेरिया के केस भी बढ़ने शुरू हो गए है। सुनाई देने लगी है। दबे पांव ही सही मलेरिया भी हमले तेज हो चले है। शहरीकरण के दौर में आबादी तो बढ़ रही है, लेकिन साफ-सफाई और स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार नहीं हो पा रहा है। नगर में हर ओर कचरे का ढेर हैं। गंदगी से मच्छरों को पनपने का मौका मिल रहा है, जिससे मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है। अस्पतालों में संक्रामक रोगों के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। शहर के मुकाबले देहात में मलेरिया का हमला तेज हो रहा है। याद दिला दें कि बीमारियों से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा मौतें मलेरिया की वजह से होती है। जहां तक मलेरिया के मच्छर के काटने का सवाल है, यह मच्छर सुबह या शाम को ही काटता है। डेंगू बढ़ा, चिकनगुनिया खत्म: बीते चार साल की बात करें तो मलेरिया के मामलों में लगातार कमी आई है। वहीं बीते...