भागलपुर, जुलाई 1 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता जिले में आबादी की तुलना में कम डॉक्टर हैं, लिहाजा निजी क्लिनिकों से लेकर सरकारी अस्पतालों में बेशुमार भीड़ है। एक-एक डॉक्टरों पर 80 से 90 मरीजों के इलाज का भार है तो मरीजों का इलाज करते-करते डॉक्टर हांफ रहे हैं। लेकिन इन्हीं डॉक्टरों की जमात में से चंद ऐसे धरती के भगवान (डॉक्टर) हैं, जो अपनी विशेषज्ञता से जुड़े मरीजों के इलाज के साथ-साथ टीबी की बीमारी के खात्मा करने में जुटे हैं। ये अपने व्यस्ततम जिंदगी के चंद फुर्सत के पल निकाल रहे हैं और टीबी मरीजों के इलाज पर न केवल नियमित नजर रख रहे हैं, बल्कि उन्हें इलाज के दौरान किए जाने वाले जरूरी जांच कराने के साथ-साथ उन्हें पोषण आहार दे रहे हैं। हालांकि इस तरह के चिकित्सकों की संख्या कम ही है, लेकिन धीरे-धीरे ही सही लेकिन आगाज अच्छा और टीबी मुक्त देश बन...