नई दिल्ली, अगस्त 3 -- मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने मंडला जिले की सत्र न्यायालय द्वारा हत्या के एक मामले में दोषी ठहराए गए पिता-पुत्र की उम्रकैद की सजा को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रदेश की पुलिस व्यवस्था और अपराध जांच की विश्वसनीयता पर तीखी टिप्पणी करते हुए DGP को जांच अधिकारी (IO) के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और राज्यभर में जांच सुधार के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया है। मंडला जिले में नवंबर 2023 में नैन सिंह धुर्वे और उनके बेटे को राजेंद्र नामक युवक की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। राजेंद्र और आरोपियों की बेटी/बहन के बीच प्रेम संबंध की बात सामने आई थी, जिसे लेकर हत्या की आशंका जताई गई थी।हाईकोर्ट को क्यों लगी बात संदिग्ध? न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए.के. सिंह की पीठ ने कहा क...