नई दिल्ली, अगस्त 28 -- पिछले कुछ समय में मस्तिष्क की गतिविधियों को समझने के लिए काफी काम हुआ है। अगर आप दिमाग में हलचल मचाते न्यूरॉन पर गौर करें, तो पाएंगे कि इनकी गतिविधि में जबर्दस्त तालमेल होता है। शरीर का ठीक से काम करना इस तालमेल का ही नतीजा है। न्यूरॉन की गतिविधियों में असाधारण समायोजन की वजह से ही शरीर में करोड़ों चीजें हो रही हैं। मगर दुर्भाग्य से, ज्यादातर लोगों के अनुभव में उनका मन एक जंजाल, एक सर्कस बन गया है। हालांकि, सर्कस असल में बेहतरीन तालमेल का नमूना है, जिसे जान-बूझकर बेतरतीब जैसा दिखाया जाता है। यहां तक कि सर्कस का जोकर भी एक जिमनास्ट होता है, उसमें जबर्दस्त काबिलियत होती है। फिर भी उसे जोकर जैसा बनाकर रखा जाता है। अहम मुद्दा यह है कि हम इस सर्कस को कैसे चलाते हैं? यह दिमाग, जो हमारे जीवन में सबसे चमत्कारिक संभावना है, ...
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