बाराबंकी, मई 1 -- रामसनेहीघाट। करीब 400 बीघे में फैली सराही झील उस समय चर्चा में आई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में बाराबंकी की इस झील का नाम लिया था। पीएम ने सराही झील में विदेशी पक्षियों के कलरव और जलसंरक्षण को नजीर बताकर दूसरे जिलों की झीलों को इसी तर्ज पर सहेजने की बात कही थी। धीरे धीरे इस झील की देखरेख में उदासीनता बरती गई। आलम यह हुआ कि आस पास लोग प्रधान व लेखपालों से मिलकर उक्त झील पर अवैध कब्जा कर धान की खेती, सिंघाड़े की खेती करने लगे। वर्तमान में झील सूखने की कगार पर पहुंच चुकी है। दो गांवों तक फैला है झील का क्षेत्रफल: रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र अंतर्गत सराही गांव में करीब 250 बीघे तथा बनगांवा गांव के करीब 150 बीघे में फैली झील आपस में मिली होने के साथ ही दरियाबाद टिकैतनगर मार्ग के किनारे स्थित झील का कुछ हिस्सा...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.