सहारनपुर, जुलाई 14 -- सहारनपुर हकीकत नगर स्थित साकेत कॉलोनी में चल रही श्री शिव महापुराण कथा अमृत धारा में प्रसिद्ध अध्यात्मिक प्रवक्ता आत्मानुभवी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि मन की चंचलता बाहरी साधनों से नहीं, आत्मिक अनुभव से नियंत्रित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जब मन भौतिक आकांक्षाओं में उलझा रहता है तो राग, द्वेष और ईर्ष्या जैसी भावनाएं जन्म लेती हैं, लेकिन जब यही मन अंतर जगत में स्थित होता है तो योग, ध्यान और समाधि के मार्ग से परम आनंद प्राप्त करता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे संसार की चकाचौंध से ऊपर उठकर अध्यात्म को अपने जीवन में अपनाएं, क्योंकि यही जीवन की वास्तविक पूंजी है। महाराज ने कहा कि सोच, साधन और संभावनाएं होते हुए भी यदि आध्यात्मिक चेतना नहीं है, तो जीवन अधूरा है। इस अवसर पर अमन गुप्ता, वंशिका गुप्त...