गोंडा, जुलाई 4 -- गोण्डा, संवाददाता। जिले में मनोरमा नदी के पुनरोद्धार जनभागीदारी आधारित पहल प्रशासन ने शुरू की है। मनोरमा नदी का अस्तित्व बीते वर्षों में लगभग समाप्त प्राय हो गया था। गाद, अतिक्रमण और जलस्रोतों के सूख जाने से इसका जल बहाव बाधित हो गया था। मनोरमा नदी का पुनर्जीवन न केवल जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर होगा, बल्कि यह जनपद की सांस्कृतिक पहचान को फिर से स्थापित करेगा। जिले की सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान रही मनोरमा नदी अब एक बार फिर जीवनदायिनी बनने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में डीएम नेहा शर्मा ने नदी के पुनर्जीवन की दिशा में पहल की है। इसके तहत, नदी की सफाई, गाद हटाने, वृक्षारोपण और जनसहभागिता के माध्यम से नदी को फिर से बहाल करने की दिशा में ठोस कार्यवाही की जा रही है। डीएम ने मनोरमा सरोवर ...