नई दिल्ली, जून 3 -- मन में पहली जिज्ञासा यही होती है कि एक साधक होने के लिए व्यक्ति में क्या योग्यता हाेनी चाहिए। क्या साधक में आयु, ज्ञान या फिर चरित्र संबंधी योग्यता होनी चाहिए। ज्ञानीजन कहते हैं कि एक साधक के भीतर मनुष्यता होना जरूरी है, तभी वह अपने कर्त्तव्यों को अच्छी तरह से निभा पाएगा। मनुष्य का प्राथमिक कर्तव्य ज्ञान प्राप्त करना है। व्यक्ति को सांसारिक कर्तव्यों को पूरा करना चाहिए और धर्म साधना भी करनी चाहिए। इसके साथ ही पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी देखना चाहिए। यह मनुष्य की साधना का एक चरण है। पार्वती ने शिव से पूछा, 'साधक बनने के लिए न्यूनतम आवश्यकता क्या है?' शिव ने उत्तर दिया, 'जब जीव अपने कर्मों के फलस्वरूप मानव रूप धारण कर लेते हैं, तब वे साधना करने के योग्य हो जाते हैं।' पार्वती द्वारा रखा गया अगला प्रश्न था, 'साधना करने क...
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