संभल, मार्च 23 -- चन्दौसी। मनुष्य को अपने जीवन में निरंतर ईश्वर का भजन करना चाहिए। उनके नाम का स्मरण करना से ही मनुष्य को सुख व शांति की प्राप्ति होती है। कुछ साथ नहीं जाता है। भगवान नाम ही साथ जाता है। यह विचार कथा व्यास हनुमत उपाध्याय ने श्रीमद्भागवत कथा के दौरान व्यक्त किए। गांव असालतपुर जारई में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास ने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का एवं गोपियों के साथ रासलीला तथा महारास लीला का वर्णन किया। गोपियों व श्याम सुंदर के गीत मनिहारी का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने अक्रूर जी के साथ-साथ कृष्ण बलराम मथुरा गए और कंस का वध का वर्णन किया। इस दौरान रुक्मणि विवाह का प्रसंग सुनाया गया। सभी ने कन्यादान लिया। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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