गोरखपुर, फरवरी 22 -- गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में संहिता सिद्धांत एवं संस्कृत विभाग की तरफ से शनिवार को अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता आईटीएम आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एच नारायण रहे। उन्होंने अष्टांग योग पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ. नारायण ने कहा कि जो निरंतर गतिमान, चेतना युक्त, शरीर, इन्द्रिय, मन व आत्मा से संयुक्त है, उसे आयु कहते हैं। ऐसा चरक, सुश्रुत आदि ऋषियों ने बताया है। सभी दोष, अग्नि, धातु और मल और क्रियाएं, संतुलित अवस्था में हों और मन, इन्द्रिय और आत्मा प्रसन्न हो तो ऐसा व्यक्ति स्वस्थ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि अपने चित्त अर्थात मन का नियंत्रण ही योग है। योग के आठ अंग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्...