नई दिल्ली, मई 26 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। देश में मध्यम उद्यमों के लिए समावेशी नीति तैयार कर उन्हें वित्तीय, तकनीकी, बुनियादी, कौशल निर्माण से लेकर विकास एवं अनुसंधान के क्षेत्र में मदद देनी की जरूरत है। सोमवार को नीति आयोग की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है। इसके जरिए न केवल निर्यात को बढ़ाया जा सकता है, बल्कि रोजगार के बड़े अवसर पैदा किए जा सकते हैं। मध्यम उद्यमों के लिए नीति की डिजाइनिंग शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग की हिस्सेदारी करीब 29 प्रतिशत है। आंकड़ों से पता चलता है कि पंजीकृत एमएसएमई में से 97 प्रतिशत सूक्ष्म उद्यम हैं। जबकि...
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