बेगुसराय, जुलाई 27 -- खोदावंदपुर, निज संवाददाता। मिथिलांचल में नवविवाहिताओं के लिए महत्वपूर्ण 13 दिवसीय मधुश्रावणी व्रत का समापन रविवार को हो गया। इस मौके पर मधुश्रावणी पर्व की महत्ता के बारे में बताते हुए बाड़ा निवासी पं. बालेश्वर झा ने बताया कि पति के दीर्घ जीवन की कामना से यह व्रत नवविवाहित युवतियां करती हैं। शादी के प्रथम वर्ष की अवधि में ही 13 दिवसीय यह व्रत किया जाता है। इस अवधि के दौरान व्रती नवविवाहिता अपने भोजन में नमक का सेवन नहीं करती है। इस अवधि में दूध व फल का सेवन करती है तथा दिन में एक बार संध्या समय अरवा चावल का खीर खाती है। उन्होंने बताया कि मधुश्रावणी व्रत के दौरान नवविवाहिता नाग देवता की पूजा-अर्चना करती हैं। सबसे खासियत तो यह है कि नाग देवता को बासी फूल चढ़ाया जाता है। इसलिए नवविवाहिता एक दिन पहले ही फूल तोड़ती है।
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