पाकुड़, अगस्त 27 -- पाकुड़। नोबेल शांति सम्मान से पुरस्कृत मदर टेरेसा की जयंती मंगलवार को मदरसा टेरेसा चौक पर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मनायी गई। मौके पर लोगों ने उसकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस दौरान जिदातो मिशन चर्च के पास्टर स्टीफन सोरेन ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मदर टेरेसा समाज को नई दिशा देने वाली और गरीबों, अनार्थों, असहायों के दुख-दर्द के लिए जीने वाली प्रेम, दया, करूणा की प्रतिमूर्ति थी। उन्होंने बचपन से ही गरीबी का दौर देखा। शिक्षा प्राप्त करते हुए बारह वर्ष की आयु में उन्होंने संकल्प लिया कि वह अपना जीवन दूसरों की सेवा में लगाएंगे और 18 वर्ष की आयु में सिस्ट ऑफ लोरेटो में शामिल हुई। एक बार वह भारत घुमने आई और उनके मन में भारत के जरूरतमंदों को देखकर सेवा का भाव उभरा। इसके बाद वह कोलकाता आ गई और दूसरों की स...