मुंगेर, अगस्त 4 -- मुंगेर, एक संवाददाता। रिवॉल्यूशनरी फोरम के सह संयोजक फर्रह शकेब ने बिहार विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण के दौरान लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाने को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए उन्होंने कहा कि, जिन मतदाताओं को 'मृत' या 'स्थायी रूप से पलायन कर चुका' मानकर सूची से बाहर किया गया, उनके संबंध में क्या कोई प्रमाण पत्र परिजनों से लिया गया, यह स्पष्ट नहीं है। फर्रह शकेब ने यह भी पूछा कि, बिना फोटो या पहचान दस्तावेज के कितने फॉर्म जमा हुए और क्या उन्हें बीएलओ द्वारा खारिज किया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि, यह पूरा अभियान शोषित, वंचित और गरीब वर्गों के मताधिकार को छीनने की फासीवादी साजिश है। उन्होंने चुनाव आयोग की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा कि, मुख्य चुनाव आयुक्त को अब तक इस गंभीर विषय प...