वाराणसी, मई 1 -- वाराणसी, विशेष संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि जाति-मजहब से नहीं अपनेपन से विश्व में शांति लाई जा सकती है। जिसने भी विश्व को अपना कुटुंब माना, उसके सामने सब झुक जाते हैं। वह बुधवार को खोजवां क्षेत्र में शंकुलधारा पोखरे पर आयोजित अक्षय कन्यादान महोत्सव के तहत सामूहिक विवाह समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने काशी से विश्व को शांति और बंधुत्व का संदेश देते हुए कहा कि जैसे ठोस मकान के निर्माण में पक्की ईंट की भूमिका होती है। उसी तरह कुटुंब संस्कारों से पक्का होता है। संस्कारित व्यक्ति, समाज और देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छे मनुष्य का प्रशिक्षण कुटुंब में ही होता है। जो समाज का अभिभाज्य अंग होता है। उन्होंने कहा कई बार अपनों के लिए हमें त्याग करना पड़ता है, जो संस्कार...
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