नई दिल्ली, जून 2 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। हाईकोर्ट ने मजनू का टीला स्थित पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने शरणार्थी शिविर को ढहाने के मामले में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा कि यह पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील यमुना के डूब क्षेत्र में स्थित है। इसे संरक्षित किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा की पीठ ने पड़ोसी देश के आठ सौ ऐसे शरणार्थियों से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वैकल्पिक आवास के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी। पीठ ने कहा कि डूब क्षेत्र के संरक्षण का उद्देश्य दिल्ली के निवासियों व भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ-स्वस्थ पर्यावरण के मौलिक मानव अधिकार को सुरक्षित करना है। पीठ ने आदेश में कहा गया है कि यहां तक कि भारतीय नागरिक भी वैकल्पिक आवंटन का दावा पूर्ण अधिकार...