देहरादून, मई 3 -- रायपुर स्थित ओएलएफ के कम्युनिटी सेंटर में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के स्थापना दिवस पर मजदूरों की समस्याओं पर मंथन हुआ। आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने के साथ ही विभिन्न संस्थानों में ठेका प्रथा से कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने की मांग उठाई गई। इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर जोर दिया गया। निर्णय लिया गया कि यदि सरकार मजदूरों की मांगों को नहीं मानती है तो मजबूरन इंटक को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। मुख्य अतिथि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि मजदूर सिर्फ कामगार नहीं, बल्कि आजादी के सिपाही भी थे, मजदूरों की एकता देश की ताकत है। कहा कि मजदूर सिर्फ फैक्ट्रियों और खेतों में काम नहीं करते, उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा...