भागलपुर, जुलाई 4 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर के वैज्ञानिकों ने मखाना में एक नए यौगिक की खोज की है, जिसे भारत सरकार ने पेटेंट कर दिया है। बीएयू के वैज्ञानिकों की इस खोज ने मखाना से पोषण और औषधीय शोध के लिए एक नई दिशा का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। मखाने पर ये शोध बीएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ. एके सिंह के निर्देशन में पादप जैव प्रौद्योगिकी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. वी साजिदा बानो, मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रीतम गांगुली व उद्यान विभाग के डॉ. अनिल कुमार ने किया। शोध में पाया गया कि ऐसा पहली बार हुआ जब किसी भी प्राकृतिक श्रोत (मखाना) में एन (2-आयोडोफेनिल) मिथेनेसल्फोनामाइड, जो आयोडोबेंजिन का सल्फोनामाइड डेरिवेटिव है, पाया गया है। अब तक ये यौगिक केवल प्रयोगशाला में ही ...