सीतापुर, अप्रैल 27 -- रेउसा, संवाददाता। कस्बे के मां सोनासरी देवी मंदिर मेला मैदान में चल रहे मां दुर्गा महोत्सव और शतचण्डी महायज्ञ व कलाकारों की रासलीला का मंचन देख लोग भाव विभोर हो गये। मंचन में प्रभु श्रीराम-लक्ष्मण जंगल से गुजर रहे थे तभी उन्हें मार्ग में बड़ी शिला दिखाई दी। गुरु विश्वामित्र ने उन्हें शिला के बारे में बताया कि इंद्र ने गौतम ऋषि का भेस धारण कर कुटिया में प्रवेश किया। अहिल्या को लगा कि उनके पति नित्यकर्म से निपटकर आ गए हैं। फिर इंद्र ने गौतम ऋषि के भेस में अहिल्या से प्यार भरी बातें की और उसके साथ संबंध बना लिए। दूसरी ओर, जब ऋषि नदी किनारे पहुंचे तो वहां के जनजीवन को देखकर उन्हें आभास हो गया कि किसी ने धोखे से सुबह का आवरण बनाया है। इस मौके पर बाबूराम अवस्थी, राजू अवस्थी, अंजय जायसवाल, कन्हैयालाल बाल्मीकि और प्रदीप अवस्...
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