जौनपुर, नवम्बर 8 -- खुटहन, हिन्दुस्तान संवाद। उसरौली गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में शुक्रवार को कथा व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को कथा वाचक ऋचा मिश्रा ने संबोधित किया। कहा कि भूत की चिंता छोड़ वर्तमान में स्वयं सुधार करें। उन्होंन कहा कि सतयुग में मनुष्य की आयु एक लाख वर्ष थी, त्रेता में घटकर दस हजार, द्वापर में एक हजार और कलयुग में मात्र सौ वर्ष रह गई है। इसमें भी आधा समय निद्रा में व्यतीत हो जाता है, शेष जीवन गृहस्थ, नौकरी-व्यवसाय और जिम्मेदारियों में बीत जाता है। ऐसे में लोग यह सवाल करते हैं भगवान के लिए समय कहां से लाएं। कथा वाचिका ने कहा कि गृहस्थ जीवन में भगवान के लिए अलग समय निकालने की आवश्यकता नहीं है। जो भी कार्य करें, उसे ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से करें और हर पल प्रभु का स्मरण बनाए रखें। यही सच्ची उपासना है। इस म...