झांसी, दिसम्बर 1 -- सिद्धेश्वर बालाजी धाम मंदिर ट्रस्ट पर कलचुरी समाज एवं भूतपूर्व सैनिकों के संगठन के बैनर तले चल रही श्रीमद् भागवत कथा में पं. जितेन्द्र भारद्वाज ने ध्रुव चरित्र, जड भरत कथा एवं प्रहलाद चरित्र का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान तो भाव के भूखे होते हैं। भगवान कृष्ण ने दुर्योधन के मेवा त्यागे, शाग विदुर घर खाई। सबसे ऊंची प्रेम सगाई यह सुंदर भजन सुनाया। जिसे सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये।उन्होंने कहा कि सदगुरु की कृपा के चलते हमें बैकुण्ठ की प्राप्ति हो जाती है पर मन की चंचलता के कारण हमारा मन सत्संग में नहीं लगता है। उन्होंने कहा, भगवा वस्त्र पहन लेने से हर कोई संत नही बन जाता है। संत तो वह है जो सत्य का आचरण करे,हृदय में करुणा और सभी में भगवान के दर्शन करे तथा मन निर्मल हो,यही संत के गुण हैं। मुख्य यजमान पूजा नितेंद्र...