वाराणसी, अप्रैल 24 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। शास्त्रार्थ महाविद्यालय में सात दिनों के ज्योतिष प्रशिक्षण में कुल 78 विद्यार्थियों ने कुंडली निर्माण, हस्तरेखा के साथ ही भाल रेखा (मस्तक रेखा) देखकर गणना सीखी। गुरुवार को कार्यशाला के अंतिम दिन ज्योतिर्विद आचार्य संजय उपाध्याय ने छात्रों को बताया कि हस्त रेखा एक जन्मपत्रिका के समान है जिसे स्वयं ब्रह्माजी ने बनाया है। उन्होंने बताया कि इसमें प्रधान पांच इन्द्रिय रेखाएं होती हैं। हृदय रेखा जिसे आयु रेखा भी कहते हैं, दूसरी मस्तिष्क रेखा, तीसरी पितृ रेखा, भाग्य रेखा एवं सूर्य रेखा से मनुष्य के जीवन में घटित होने वाली घटनाओं का विवरण प्राप्त किया जा सकता है। आचार्य उपाध्याय ने बताया कि भूत, भविष्य और वर्तमान का ज्ञान भी इन रेखाओं से हो सकता है। संयोजक संस्था के प्राचार्य डॉ. पवन कुमार शुक्ल ने...