नई दिल्ली, नवम्बर 24 -- उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को कहा कि देश की परंपराएं और रीति-रिवाज हमेशा संतुलन पर केंद्रित रहे हैं और भारत अपने चरित्र के साथ कई धर्मों की जननी रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी धरती पर शरण लेने वाली हर परंपरा को अपनाया है। दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदा पीठम के जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम के नागरिक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने आदि शंकराचार्य की विरासत पर प्रकाश डाला। राधाकृष्णन ने बताया कि कैसे श्रद्धेय दार्शनिक-संत ने पूरे भारत की यात्रा की। सनातन धर्म को पुनर्जीवित किया और विविध दार्शनिक धाराओं को एक साथ लाए। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राधाकृष्णन ने कहा कि इन पीठों ने विविध पृष्ठभूमि के लोगों का स्वागत करके, वसुधैव कुटुम्बकम को मूर्त रूप दिया है। उन्होंने इस बात पर ज...