नई दिल्ली, फरवरी 16 -- आलोक जोशी, वरिष्ठ पत्रकार भगवती चरण वर्मा की मशहूर कहानी है- दो बांके। लखनऊ के दो बांके लंबे समय तक सड़क पर मजमा जुटाए रहते हैं, भिड़ने की तैयारी करते हैं, करीब-करीब भिड़ ही जाते हैं। मगर आखिर में हाथ मिलाकर वापस अपने-अपने इलाके को ही अपना बताते हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार वार्ताएं या फिर दो बड़े नेताओं की मुलाकात भी कुछ ऐसा ही मंजर बांधती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सौदेबाजी या मोल-भाव के मामले में मोदी उनसे इक्कीस ही पड़ते हैं। आप इस बात को गंभीरता से भी ले सकते हैं और यह भी मान सकते हैं कि यह वैसी ही बात है, जैसी किसी सौदे के बाद दुकानदार ग्राहक से करता है। सच बात तो यही है कि शक्ति संतुलन के अलावा अंतरराष्ट्रीय राजनीति का मतलब अब सिर्फ सौदेबाजी, लेन-देन औ...