वाराणसी, सितम्बर 14 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। श्रीमद्भगवद्गीता समस्त ज्ञान, विज्ञान, कर्म, सन्यास और संस्कृति का शास्त्र होते हुए मानवता का शास्त्र है। यह प्रबंधन का भी शास्त्र है। यह कहना गलत नहीं होगा कि गीता भारतीयों की पहचान है। उक्त विचार मालवीय भवन में रविवासरीय गीता प्रवचन के सत्रारंभ में मुख्य अतिथि हथियाराम मठ गाजीपुर के महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गीता भगवान श्रीकृष्ण के मुख से प्रकट वह अमृतवाणी है जो मनुष्य का कल्याण करती है। जीवन की समस्त समस्याओं और शंकाओं का हल गीता में है। अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि गीता प्रवचन स्वयं महामना द्वारा संचालित प्रकल्प है। इसका लाभ विश्वविद्यालय के प्रत्येक कर्मचारी एवं छात्र को लेना चाहिए। गीता की शिक...
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