नई दिल्ली, सितम्बर 24 -- न केवल राजनीतिज्ञ, बल्कि ज्योतिषी और धर्मगुरु भी आपको अपने नियंत्रण में रखना चाहते हैं, क्योंकि इन्हें स्नेह-सद्भावना के बल पर आपका दिल जीतना नहीं आता। इसलिए आपके अंदर एक तरह का भय और अपराध-बोध पैदा करके ये आपको चक्कर में डालते हैं। इन लोगों ने आपके मन में यह विश्वास बिठा रखा है कि आपकी हार-जीत का फैसला करने वाला तत्व केवल आपका भाग्य है। एक बात समझ लीजिए। ईश्वर कोई फिल्मी खलनायक नहीं कि आपसे बदला लेने के लिए आपके सही ढंग से काम करने पर भी सफलता से आपको वंचित कर दे। थोड़ी देर के लिए मान लें कि भाग्य के अनुसार पहले से तय है कि आज आपको भोजन मिलना ही मिलना है, तो आप एक ऐसे वीरान वन में जाकर बैठिए, जहां आपकी देखभाल करने वाला कोई न हो। पास में कोई फल गिरे, तो उसे भी नहीं छूना। ईश्वर चाहेंगे, तो स्वयं आकर आपके मुंह में भ...