रायबरेली, फरवरी 16 -- सरेनी। क्षेत्र के पूरे बचरी मजरे सागर खेड़ा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन रविवार को भागवत मर्मज्ञ आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मनुष्यों का क्या कर्तव्य है, इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं।

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