धनबाद, सितम्बर 2 -- धनबाद, वरीय संवाददाता। फॉरेस्ट रिजॉर्ट आमाघाटा में सात दिवसीय भागवत कथा के तृतीय दिवस पर सोमवार को आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने कथा में कहा कि राजा परीक्षित ने भागवत कथा सुनकर मोक्ष की प्राप्ति की। परीक्षित महाराज प्रमाण है कि भागवत की कथा जो लोग जिस उद्देश्य से सुनते हैं, उनका संकल्प उसी अनुसार पूरा होता है। भगवान वस्तु के भूखे नहीं होते बल्कि भाव के भूखे होते हैं। महाभारत काल में विदुर के संग केले के छिलके खाए, परंतु उन्होंने दुर्योधन के छप्पन भोग का तिरस्कार किया। अर्थात भगवान को प्रेम भाव ही प्रिय है। भक्ति की कोई उम्र नहीं होती है। आज प्रत्येक जीवात्मा अंदर से दुखी है, लेकिन सच्चा सुख तो भागवत भजन में ही होता है। ध्रुव जी ने पांच वर्ष की अवस्था में ही भगवान का दर्शन प्राप्त किया। भागवत हमें गो, गायत्री, गीता, माता...
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