लखीमपुरखीरी, अप्रैल 9 -- सत्संग के दौरान संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने भारतीयों को जीवन के चार मंत्र दिए। उन्होंने पहला मंत्र बताया-उपासना। भागवत ने कहा कि आप भले ही किसी पंथ, संप्रदाय को मानते हों, अपनी उपासना पद्धति अपनाएं। सभी संप्रदाय लड़ाई के लिए नहीं, लोगों को जोड़ने के लिए है। लेकिन सबसे ऊपर एक ही संप्रदाय है-आध्यात्मिकता। सत्य, करुणा, तप और शुचिता ही आध्यात्म और उपासना है। दूसरा मंत्र दिया भोग और स्वार्थ के पीछे मत दौड़ो। तीसरा मंत्र है कि अपने राष्ट्र व समाज के लिए कार्य करना। चौथा मंत्र दिया कि सुखद, संतोष और समाधान के लिए कार्य करें। भागवत ने कहा कि हमारे यहां पहले प्रगति थी, विज्ञान था तो प्रकृति भी थी। हमारे यहां धान और मलमल की नौ हजार प्रजातियां होती थीं। पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ मोहन भागवत ने कहा कि हमारे संतों का संदेश है कि पोथ...