वाराणसी, अप्रैल 21 -- वाराणसी, संवाददाता। श्रीमद्भागवत कथा कलियुग में एकमात्र ऐसा महापुराण है, जो वेद, गीता, वल्लभ सूत्र का सारतत्व है। इसका श्रवण करने से मानव का लोक और परलोक दोनों सुधर जाता है। ये बातें रविवार को चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर में आयोजित कथा में पं.सतीश शर्मा ने कहीं। पूतना उद्धार के प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि पूतना अविधा रूपी माया है। इस अविधा का नाश भगवातजी की कथा श्रवण से ही होता है। भगवान की दयालुता इस प्रसंग में सिद्ध होती है कि राक्षसी होते हुए भी पूतना को मोक्ष मिला। पं.शर्मा ने माखन चोरी लीला, दामोदर लीला, गोवर्धन लीला, इंद्रमान भांग, गिरिराजजी का पूजन, चीरहरण लीला वेणु गीत, गोपी गीत, युगल गीत आदि सुनाया। इस दौरान माहौल भक्तिमय हो उठा। षष्ठपीठाधीश्वर गोस्वामी श्याम मनोहर महाराज ने महोत्सव की अध्यक्षता कर...