पीलीभीत, जून 17 -- गांव दिवाली में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा में कथा के दूसरे दिन वृंदावन से पहुंचीं कथा वाचिका राखी शास्त्री ने धुंधकारी की कथा सुनाकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया कथा वाचिका राखी ने कहा कि समय की बात है। दक्षिण भारत की तुंगभद्रा नदी के तट पर एक नगर में आत्मदेव नामक एक व्यक्ति रहता था। जो सभी वेदों में पारंगत था। उसकी पत्नी का नाम धुन्धुली था। धुन्धुली बहुत ही सुन्दर लेकिन स्वभाव से क्रूर और झगडालू थी। घर में सब प्रकार का सुख था। लेकिन वह व्यक्ति अपनी पत्नी से तो दुखी था ही साथ ही साथ उसे कोई संतान का सुख भी नहीं था। वह चिंता में रहता था कि यदि उम्र ढल गई तो फिर संतान का मुख देखने को नहीं मिलेगा। यह सब सोचकर उसने बड़े दुखी मन से अपने प्राण त्यागने के लिए वह वन चला गया। वन में एक तालाब में वह कूदने ही वाला था कि तभी एक संन्...