सिद्धार्थ, अप्रैल 6 -- सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। नौगढ़ क्षेत्र के सुकरौली गांव में चल रहे नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में श्रीसिहेंश्वरी देवी मंदिर के व्यवस्थापक और कथा व्यास आचार्य दिव्यांशु ने श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि किस तरह रुक्मिणी ने श्रीकृष्ण से प्रेम किया और श्रीकृष्ण ने उनका हरण कर उनसे विवाह किया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों परम सौभाग्य की बात है। श्रीमद्भागवत कथा मन की व्यथा को दूर करती है। उन्होंने बताया कि रुक्मिणी, विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थीं और उन्होंने बचपन से ही श्रीकृष्ण को अपने हृदय में पति के रूप में स्वीकार कर लिया था। उनका भाई रुक्म, श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था।...