झांसी, जनवरी 29 -- झांसी (मऊरानीपुर), संवाददाता ग्राम पंचायत कदौरा स्थित राम-जानकी मंदिर, सिद्ध बाबा परिसर में चल रही भागवत कथा में पं. रमाकांत कौशिक महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत की कथाएं तो उनके चिंतन और दर्शन का महासागर है। गीता में सृष्टि, प्रकृति और जीवन का ऐसा कौन सा प्रसंग है जिसके जीवन उन्नयन के सूत्र न हों। उन्होंने कहा, पौराणिक संदर्भ में उन्हें नारायण का अवतार मानते हुए परम् ब्रह्म का अवतार कहकर दशावतार गणना में उनका क्रम आठवां है। परंतु सोलह कलाओं से पूर्ण वे अवतार पहले और सर्व व्यापक माना गया। समय बदला, परिस्थिति बदली, जीवन शैली और प्राथमिकताएँ भी बदल गईं लेकिन उनका संदेश हर युग में जीवन्त है। जो बीते हुये कल में भी था, आज भी है और आने वाले समय में भी रहेगा। उन्होंने कहा कि समाज के सभी समूहों को, हर आयु वर्ग के लोगों को उनके ...